एक- संक्षिप्त परिचय
महाविद्यालय की स्थापना पैतृक संस्था डी0ए0वी0 इंटर कालेज, बाँदा के शताब्दी समारोह(1895-1995) के उद्घाटन अवसर पर दिनांक 12 फरवरी 1996 को मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ‘‘माननीय श्री मोतीलाल वोरा’’ तत्कालीन महामहिम राज्यपाल उ0प्र0 द्वारा डी0ए0वी0 इन्टर कालेज प्रबन्ध समिति, बाँदा तथा नगर के प्रबुद्ध उच्च शिक्षा प्रेमी नागरिकों की मांग पर सहर्ष घोषणा के फलस्वरूप हुई। ज्ञातव्य हो कि स्व0 राजीव गाँधी पूर्व प्रधानमंत्री 18 मई 1991 को डी0ए0वी0 इन्टर कालेज में पधारे थे तथा कालेज के प्रांगण उ0प्र0 की धरती में अपना अंतिम सार्वजनिक भाषण दिया था। उनकी स्मृति में महामहिम द्वारा महाविद्यालय का नाम राजीव गाँधी डी0ए0वी0 महाविद्यालय घोषित किया गया। तदोपरान्त उ0प्र0 शासन से 11 जनवरी 2001 को स्नातक वाणिज्य संकाय में मान्यता/सम्बद्धता प्राप्त हुई और बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी का सम्बद्ध महाविद्यालय बना एवं सत्र 2006-07 से कला संकाय में बी0ए0 कक्षाओं की मान्यता/सम्बद्धता प्राप्त हई। भविष्य में बी0एड0, एम0ए0, एम0काम0 एवं अन्य व्यवसाय परक पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने की योजना है।
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी का संक्षिप्त परिचय-
स्वामी दयानन्द सरस्वती जी का जन्म 12 फरवरी 1824 में काठियावाडत्रा क्षेत्र के ग्राम टंकारा, जिला राजकोट, गुजरात में हुआ था। ये आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज सुधारक तथा आर्य समाज के संस्थापक थे। स्वामी दयानन्द जी ने वेदों का गहन अध्ययन किया इसलिये इन्हे ऋषि कहा जाता है। इन्होने सर्वप्रथम 1876 में स्वराज का नारा दिया। सन् 1975 में आर्य समाज की स्थापना करते हुये वेदों की सत्ता को सर्वोपरि माना था तथा ‘‘वेदों की ओर लौटो’’ का नारा दिया था। इन्होने समाजिक कुरीतियों,अंधविश्वासो तथा रूढ़िवादिता का पुरजोर विरोध किया, जिससे उन्हे सन्यासी योद्धा कहा गयाअंधविश्वास। स्वामी जी स्त्रियों की शिक्षा तथा विधवा विवाह के प्रबल समर्थक तथा सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख सूत्रधार थे। इनके प्रमुख अनुयायी लाल हंसराज ने 1886 में दयानन्द एग्लोवैदिक कालेज की स्थापना की। सत्यार्थ प्रकाश, ऋग्वेद भाष्य, यजुर्वेद भाष्य, संस्कार विधि, पंचमहायज्ञ विधि आदि प्रमुख कृतियां है। स्वधर्म,स्वभाषा तथा स्वराष्ट्र के अग्रदूत स्वामी दयानन्दजी सन् 1883 में पंचतत्व में विलीन हो गये।
भारत रत्न राजीव गाँधी जी का संक्षिप्त परिचय-
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 श्री राजीव गाँधी का जन्म 20 अगस्त 1924को बम्बई में हुआ था। ये पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गाँधी के पुत्र थे। स्कूल की शिक्षा पूर्ण करने के बाद इन्होने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कालेज में अध्ययन दिया। इसके उपरान्त लन्दन के इम्पीरियल कालेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। राजीव गांधी जी पेशे से एक पायलट थे। सन् 1981 में इन्होने राजनीति में प्रवेश किया तथा इन्दिरा जी की मृत्यु के बाद मात्र 40 वर्ष की आयु में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। इन्होने देष में सूचना क्रान्ति का जनक माना जाता है तथा कम्प्यूटर क्रान्ति, टेली कम्यूनिकेशन क्रान्ति, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, मतदान करने की उम्र 21 वर्ष से कम कर 18 वर्ष करना आदि महत्वपूर्ण कार्य करते हुये सदी के भारत की आधारशिला रखी। 21 मई 1991 को चुनाव प्रचार के दौरान आंतकवादी संगठन लिट्टे(लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम) द्वारा इनकी हत्या करा दी गयी। मरणोपरान्त उन्हे वर्ष 1991 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।